छत्रपाल सिंह लोधी की जीवनी:

छत्रपाल सिंह लोधी भारतीय राजनीति के एक ऐसे चर्चित नेता रहे हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक में अपनी पहचान बनाई। एक सामान्य ग्रामीण परिवार में जन्म लेकर छत्रपाल सिंह लोधी ने चिकित्सा से लेकर संसद तक का सफर तय किया, लेकिन उनका राजनीतिक जीवन विवादों से भी अछूता नहीं रहा।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

छत्रपाल सिंह लोधी का जन्म 1 जनवरी 1946 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गांव बिगराऊ में हुआ। उनके पिता का नाम भगवंत सिंह और माता का नाम नरायने देवी था। उन्होंने मस्तनाथ आयुर्वेद महाविद्यालय, रोहतक (हरियाणा) से बी.ए.एम.एस. (Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery) की डिग्री प्राप्त की। पेशे से वे एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे, लेकिन उनका रुझान समाजसेवा और राजनीति की ओर भी था।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत

छत्रपाल सिंह लोधी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में की जब वे जनता पार्टी (एस) के टिकट पर स्याना विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। यह उनकी राजनीतिक यात्रा की पहली सीढ़ी थी। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और पार्टी के सक्रिय नेता बन गए।

लोकसभा में चार बार सांसद

छत्रपाल सिंह लोधी ने बुलंदशहर लोकसभा सीट से 1991, 1996, 1998 और 1999 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और चारों बार विजयी हुए। उन्होंने अपने क्षेत्र में शिक्षा, सड़क, बिजली जैसे बुनियादी मुद्दों पर कार्य किया और जनता के बीच लोकप्रियता अर्जित की।

केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल

छत्रपाल सिंह लोधी को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में 29 जनवरी 2003 को केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन राज्यमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने इस पद पर 16 मार्च 2004 तक कार्य किया और किसानों तथा उर्वरक उद्योग से संबंधित कई योजनाओं पर काम किया।

राज्यसभा और विवाद

2004 में, जब भाजपा ने बुलंदशहर से टिकट कल्याण सिंह को दे दिया, तो छत्रपाल सिंह लोधी को पार्टी ने उड़ीसा से राज्यसभा सदस्य बनाया। लेकिन उनका राज्यसभा कार्यकाल विवादों के घेरे में आ गया।

ऑपरेशन चक्रव्यूह

इसके अतिरिक्त छत्रपाल सिंह लोधी का नाम ऑपरेशन चक्रव्यूह में भी आया, जिसमें सांसदों पर सांसद निधि (MPLADS) के माध्यम से परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगा।

राजनीतिक जीवन की गिरावट

राज्यसभा से निष्कासन के बाद छत्रपाल सिंह लोधी का राजनीतिक प्रभाव घटने लगा। वे कुछ समय के लिए राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुए और 2012 में अनूपशहर विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

निजी जीवन और निधन

छत्रपाल सिंह लोधी का विवाह उर्मिला देवी से हुआ था। उनके चार पुत्र और एक पुत्री हैं। जीवन के अंतिम वर्षों में वे टीचर्स कॉलोनी, बुलंदशहर नगर में रह रहे थे। लंबी बीमारी के बाद छत्रपाल सिंह लोधी का 2025 में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे।

मुख्य जानकारी – एक नज़र में:

विवरणजानकारी
पूरा नामडॉ. छत्रपाल सिंह लोधी
जन्म1 जनवरी 1946, बिगराऊ, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
निधन2025, दिल्ली एम्स, 79 वर्ष की आयु में
शिक्षाबी.ए.एम.एस – मस्तनाथ आयुर्वेद महाविद्यालय, रोहतक
पेशाआयुर्वेदिक चिकित्सक, राजनीतिज्ञ
राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी, (कुछ समय के लिए राष्ट्रीय लोकदल)
पहला चुनाव1980 – स्याना विधानसभा (जनता पार्टी एस से)
लोकसभा सांसद (बुलंदशहर)1991, 1996, 1998, 1999
केंद्रीय राज्य मंत्रीउर्वरक एवं रसायन मंत्रालय (जनवरी 2003 – मार्च 2004)
राज्यसभा सदस्यउड़ीसा से (2 जुलाई 2004 – 18 दिसंबर 2005)
प्रमुख विवादऑपरेशन दुर्योधन, ऑपरेशन चक्रव्यूह
निष्कासनराज्यसभा से, दिसंबर 2005
अंतिम निवासटीचर्स कॉलोनी, बुलंदशहर नगर
परिवारपत्नी: उर्मिला देवी; 4 पुत्र, 1 पुत्री

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